उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री कल्याण सिंह का भाजपा से इस्तीफा देना पार्टी के लिए नया संकट है। पिछले कई महीनों से वह असंतुष्ट चल रहे थे । उनका कहना था कि टिकट बटवारे से लेकर कई मुद्दों पर उनकी उपेछा कि जा रही थी । उत्तर प्रदेश में पिछले दस वर्षो से भाजपा में किसी भी पिछडे या दलित नेता का उभार नही हो पा रहा। जोकि भाजपा के लिए आगामी लोक सभा चुनाव के लिए सुभ संकेत नही है ।ओम प्रकाश सिंह ,संतोष गंगवार जैसे कद्दावर नेता उपेछित ही रहे है । कभी अनुसाशन का डंका पीटने वाली पार्टी में लगातार पलायन जारी है । मदन लाल खुराना , बाबु लाल मरांडी , उमा भारती, गोविन्दाचार्य जैसे लोगो के पार्टी से जाने के बाद यह कुछ ख़ास लोगो कि पार्टी बनती जा रही है । रास्ट्रीय स्टार पर उभरे नेताओं का जनाधार बेहद सिकुड़ा हुआ है ।
राजस्थान के भाजपा सांसद द्वारा टिकट वितरण में खरीद फरोख्त, संसद का नोट कांड , ऑपरेशन चक्रवुह जैसी घटनाएँ भाजपा के सुचिता पर सवाल खड़ा करती है । पूर्व राष्ट्रपति भैरो सिंह शेखावत के हालिया चुनाव लड़ने कि बात भी भाजपा के लिए नया संकट है । कुल मिलाकर उत्तर प्रदेश में भाजपा कि स्थिति सुधरने पर ही पी यम् इन वेटिंग अडवाणी के सपने हकीकत में बदल सकते है । परतु पार्टी कीआतंरिक उलयम , मुलायम-कल्याण-कांग्रेस गठबंधन और मायावती कि सोशल इंजीनियरिंग उत्तर प्रदेश में क्या गुल खिलाएगी ये तो वक्त ही बताएगा ।
3 comments:
भाई
आपने अच्छी मशाल जलाई है
चारों तरफ़ रोशनी फेलेगी
बहुत सुंदर...आपके इस सुंदर से चिटठे के साथ आपका ब्लाग जगत में स्वागत है.....आशा है , आप अपनी प्रतिभा से हिन्दी चिटठा जगत को समृद्ध करने और हिन्दी पाठको को ज्ञान बांटने के साथ साथ खुद भी सफलता प्राप्त करेंगे .....हमारी शुभकामनाएं आपके साथ हैं।
गण तंत्र सबको साथ लेकर चलने की , सबसे नीतिपूर्ण शासन विधा है , ...
अमर रहे गणतंत्र हमारा ! सार्थक लेखन हेतु बढ़ाई स्वीकारें .
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